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हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार लड़की की दिल्ली के अस्पताल में मौत

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हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार लड़की की दिल्ली के अस्पताल में मौत

हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 19 वर्षीय दलित लड़की की मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 14 सितंबर को 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। काफी गंभीर हालत में लड़की को सोमवार को दिल्ली के एक अस्पताल में भेजा गया। उसकी रीढ़ की हड्डी में जख्म थे, वह पक्षाघात का शिकार हो गई तथा उसके जीभ में भी कटने के निशान थे। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने मंगलवार को से बातचीत में इस बात की पुष्टि की कि लड़की की आज सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गयी है। उन्होंने कहा, “इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद चारों आरोपियों के खिलाफ अब भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) भी जोड़ी जाएगी।” उसके मरने की खबर सामने आते ही दिल्ली के सफदरजंग अस्तपाल के साथ ही विजय चौक और हाथरस में भी प्रदर्शन शुरू हो गए। सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उसके लिए न्याय की मांग की है। पुलिस ने कहा कि पीड़िता को घटना के बाद अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, सोमवार सुबह उसकी हालत गंभीर होने के कारण इलाज के लिये उसे दिल्ली भेजा गया था। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के अनुसार लड़की जीवन रक्षक प्रणाली पर थी। इससे पहले पुलिस अधीक्षक ने बताया कि था कि वारदात के दौरान लड़की का गला भी दबाया गया था जिससे उसकी जुबान बाहर आ गयी थी और कट गयी थी। लड़की की हालत काफी गंभीर थी, इस कारण उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अलीगढ़ के अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया कि युवती के पैर पूरी तरह काम नहीं कर रहे थे और हाथ भी आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए थे। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बाहर प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वह दलित समुदाय के सभी सदस्यों से अपील करते हैं कि सड़कों पर उतरें और दोषियों को मौतकी सजा देने की मांग करें। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। जब तक दोषियों को फांसी नहीं दी जाती तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे।’’ उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर प्रहार करते हुए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की महिला नेताओंकी ‘‘चुप्पी’’ पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि राज्य देश की ‘‘आपराधिक राजधानी’’ बन गया है। पार्टी ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए विजय चौक पर प्रदर्शन भी किया। पार्टी ने कहा कि पी. एल. पुनिया, उदित राज, अमृता धवन और पार्टी के अन्य नेताओं को प्रदर्शन करने के लिए मंदिर मार्ग थाने में हिरासत में ले लिया गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘उप्र के ‘वर्ग-विशेष’ के जंगलराज ने एक और युवती को मार डाला। सरकार ने कहा कि ये फ़ेक न्यूज़ है और पीड़िता को मरने के लिए छोड़ दिया। ना तो ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना फ़ेक थी, ना ही पीड़िता की मौत और ना ही सरकार की बेरहमी।’’ पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ हाथरस में हैवानियत झेलने वाली दलित बच्ची ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। दो हफ्ते तक वह अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझती रही। हाथरस, शाहजहांपुर और गोरखपुर में एक के बाद एक बलात्कार की घटनाओं ने राज्य को हिला दिया है।’’ कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने दावा किया, ‘‘उप्र में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है।

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महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है।अपराधी खुलेआम अपराध कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बच्ची के क़ातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। योगी आदित्यनाथ जी, उप्र की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति आप जवाबदेह हैं।’’ बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने दोषियों को सख्त सजा दिये जाने की मांग की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, यूपी के हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म के बाद दलित पीड़िता की आज हुई मौत की खबर अति दुखद। सरकार पीड़ित परिवार की हरसंभव सहायता करे व फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर अपराधियों को जल्द सजा सुनिश्चित करें, बीएसपी की यह मांग है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पीड़िता की मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, हाथरस की सामूहिक दुष्कर्म एवं दरिंदगी की शिकार एक बेबस दलित बेटी ने आख़िरकार दम तोड़ दिया. नम आंखों से पुष्पांजलि! आज की असंवेदनशील सत्ता से अब कोई उम्मीद नहीं बची। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे देश और सरकारों के लिये शर्म की बात करार देते हुए दोषियों को फांसी दिये जाने की मांग की। केजरीवाल ने ट्वीट किया, “हाथरस की पीड़िता की मौत पूरे समाज, देश और सभी सरकारों के लिए शर्म की बात है। बड़े दुःख की बात है कि इतनी बेटियों के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं और हम अपनी बेटियों को सुरक्षा नहीं दे पा रहे। दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा मिलनी चाहिए।” राष्ट्रीय महिला आयोग ने मंगलवार को कहा कि उसने उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता के परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि आयोग ने इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी और बताया गया है कि चार आरोपियों को पकड़ा गया है तथा पीड़िता को मुआवजा भी दिया गया था। उन्होंने कहा कि आयोग ने पीड़ित लड़की के भाई से संपर्क किया है और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर के मुताबिक लड़की ने अपने साथ बलात्कार की वारदात के बारे में पुलिस को पहले कुछ नहीं बताया था मगर बाद में मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में उसने आरोप लगाया कि संदीप, रामू, लवकुश और रवि नामक युवकों ने उससे दुष्कर्म किया था। उन्होंने कहा कि वारदात के दौरान विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश करते हुए उसका गला भी दबाया गया था। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर ने शनिवार को को बताया था कि 14 सितंबर को पहले चंदपा पुलिस थाने के एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की को संदीप (20) नाम के एक लड़के द्वारा जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया जिसके बाद उसी दिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में मजिस्ट्रेट को दिये गये बयान में पीड़िता ने बताया कि उसके साथ संदीप के अलावा तीन और युवकों रामू, लवकुश और रवि ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश में उसका गला दबाया जिससे उसकी जबान कट गयी थी।

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