Connect with us

बाल मजदूरी से मुक्त किये गए युवाओं (सर्वाइवर्स) ने बिहार के सभी 243 विधायकों को लिखा पत्र, ‘बाल श्रम मुक्त विधानसभा क्षेत्र’ बनाने की रखी मांग

Bihar

बाल मजदूरी से मुक्त किये गए युवाओं (सर्वाइवर्स) ने बिहार के सभी 243 विधायकों को लिखा पत्र, ‘बाल श्रम मुक्त विधानसभा क्षेत्र’ बनाने की रखी मांग

पटना। अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बाल मजदूरों (सर्वाइवर) जिन्हें बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया गया है, उनके द्वारा बिहार के सभी 243 माननीय विधायकों को पत्र लिखकर बाल श्रम, बाल दुर्व्यापार और बाल यौन शोषण के खिलाफ एकजुट होने और इसके खिलाफ चलाये जा रहे जागरूकता अभियान में सहयोग करने का आह्वान किया गया है। एक अनोखी पहल के तहत तकरीबन 50 की संख्या में सर्वाइवर यानी कि वैसे बच्चे जो बाल मजदूरी, बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराये जा चुके हैं, और बाल श्रम तथा बाल दुर्व्यापार के खिलाफ कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे अभियान में बतौर वालंटियर सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं, उन्होंने एक संयुक्त पत्र के माध्यम से राज्य के सभी विधायकों के समक्ष अपनी मांगों को बिंदुवार रखा है। सर्वाइवर युवाओं द्वारा लिखा गया यह पत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि ‘वर्ष 2021’ को अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा ‘बाल श्रम उन्मूलन वर्ष’ के रूप में इन्कित किया गया है। इस दिशा में यदि सभी विधायक अपने-अपने विधान सभा क्षेत्र को बाल श्रम, बाल दुर्व्यापार और सभी तरह के शोषणों से मुक्त करना सुनिश्चित करते हैं, तो निश्चित ही यह विश्व भर के समक्ष एक आदर्श उदाहरण पेश होगा साथ ही सतत विकास लक्ष्य (SDG 8.7) की प्राप्ति की दिशा में विधायको का बड़ा योगदान और राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि भी होगी।

पत्र में युवा सर्वाइवरों ने अपने बाल मजदूरी के दिनों को याद करते हुए विधायकों को बताया है कि कैसे उनसे दिन के 16 घंटे काम करवाया जाता था, कैसे मालिकों की डांट, गालियों और अपमान में उनका बचपन गुजर गया। वे नहीं चाहते कि अब किसी बच्चे को ऐसा दिन देखना पड़े। सर्वाइवर युवाओं ने यह बीड़ा अपने कंधों पर उठाया है कि ‘जो नारकीय जीवन हमें जीना पड़ा है, वह हम किसी और बच्चे को नहीं जीने देंगे।’ इस दिशा में वे मोटर साईकल/ साईकल के जरिये गांव में जाकर एक एक परिवार को जागरूक करने, उन्हें बाल श्रम, बाल विवाह और बाल दुर्व्यापार के दुष्प्रभावों के बारे में बताने, सरकारी योजनाओं की जानकारी देने समेत अन्य सार्थक पहल कर रहे हैं।
गौरतलब है कि ये सभी सर्वाइवर युवा लगभग 8, 10, 12 व 14 वर्ष की उम्र में बाल दुर्व्यापार व बाल मजदूरी के शिकार हो गए थे जिन्हें कैलाश सत्यार्थी द्वारा संचालित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन द्वारा मुक्त कराया गया था। आज ये बच्चे आवश्यक शिक्षा प्राप्त कर सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं, साथ ही बाल अधिकारों की लड़ाई को मजबूत करने में अपना योगदान भी दे रहे हैं। इनमें से कुछ आज ‘सर्वाइवर लेड इंटेलिजेंस नेटवर्क’ का नेतृत्व कर बिहार समेत देश के कुल 100 जिलों में जमीनी स्तर पर बाल दुर्व्यापार और बाल श्रम के खिलाफ जन जागरुकता अभियान को जोर-शोर से चला रहे हैं।
इसके अलावा इस नेटवर्क के सदस्य गांव-गांव जाकर जोखिम भरी परिस्थितियों में रह रहे असहाय परिवारों समेत अनाथ बच्चों को चिन्हित कर सरकारी लाभकारी योजनाओं से जोड़ने आदि जैसी पहल को अंजाम दे रहे हैं।
पत्र के माध्यम से विधायकों से अपेक्षा की गयी है कि बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर उनके नेतृत्व में विधान सभा स्तर पर ऐसी कार्य योजना बनाई जाए जिसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं को समाहित किया जाए-
1- गांव, अपने विधान सभा क्षेत्र, जिला और राज्य स्तर पर चाइल्ड ट्रैफिकिंग (बाल दुर्व्यापार) को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
2- सभी बच्चों को 12 वीं कक्षा तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा उप्लब्ध कराई जाए।
3- आपके हस्तक्षेप से सभी जिलों में एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सक्रिय किया जाए और उसकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
4-पंचायत में ग्राम पलायन रजिस्टर की व्यवस्था बहाल की जाए ताकि कोई भी बच्चा गांव से निकलकर ट्रैफिकिंग का शिकार न हो।
5- गांव में ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन हो और उनका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
6-देश के अलग-अलग राज्यों से छुड़ाए गए बाल मजदूरों के लिए समुचित शिक्षा और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
7- बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए चाइल्ड फ्रेंडली पुलिस स्टेशन और चाइल्ड फ्रेंडली कोर्ट का निर्माण व सक्रियता सुनिश्चित की जाए।
8- बाल यौन शोषण (POCSO), बाल दुर्व्यापार और बाल मजदूरी के सभी मामलों का निपटारा एक साल के अंदर किया जाए।
9-जोखिम पूर्ण स्थिति में रह रहे परिवारों, बच्चों (वल्नरेबल फैमिली) को चिन्हित कर सरकारी लाभकारी योजनाओं से जोड़ने की पहल की जाए।
ज्ञात हो कि बाल अधिकार संरक्षण तथा बाल श्रम व बाल दुर्व्यापार की रोकथाम हेतु देश मे कठोर कानून बनाये गए हैं लेकिन लचर व्यवस्था, अनदेखी और जागरूकता के अभाव में आज भी भारी संख्या में बाल श्रम, बाल दुर्व्यापार तथा बाल यौन शोषण की घटनाएं सामने आ रही हैं।
ऐसी तमाम चुनौतियों और उनके समाधान की अपेक्षा लिए सर्वाइवर द्वारा विधायक के नाम यह पत्र लिखा गया है ताकि हम ‘बाल श्रम मुक्त विधान सभा क्षेत्र’ बना सकें।

More in Bihar

To Top