Bihar
क्या लालू के तीसरे बेटे हैं तरुण यादव? बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार ने लगाया गंभीर आरोप!
पटना, 12 जून। बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कल प्रेस कांफ्रेंस कर लालू परिवार द्वारा नौकरी के बदले जमीन लिखवाए जाने में तेजप्रताप के साथ गुमनाम पुत्र तरुण कुमार यादव के रजिस्ट्री करवाए जाने के मामलों में लगाए गए आरोप पर कायम रहते हुए कहा कि अगर मेरा आरोप गलत है तो तेजस्वी यादव को चाहिए कि हम पर मानहानि का मुकदमा दायर करें।
आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए कोविड-19 संकट को अवसर में बदलने की जरूरत: पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो राष्ट्रीय जनता दल यह बताए कि तरुण यादव कौन है, कहाँ है? इनके नाम से संपत्ति खरीदने का उद्देश्य क्या था? और जैसा कि तेजस्वी यादव खुद के तरुण कुमार यादव होने का दावा करते हैं तो तेजप्रताप और तरुण कुमार यादव के नाम से 1993 में रजिस्ट्री करवाई गई फुलवरिया की 2 संपत्तियों में से एक खाता नंबर-74, प्लॉट नंबर-955 का जिक्र तो 2015 विधानसभा के अपने चुनावी हलफनामे में करते हैं पर दूसरी जमीन जिसका भी खाता नंबर-74, प्लॉट नंबर-891 रकबा-6 कट्ठा है इसका जिक्र नहीं किया। यहाँ सवाल यह भी बनता है कि तरुण कुमार के नाम निबंधित जमीन को बिना संपत्ति हस्तांतरण हुए तेजस्वी यादव ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति होने का जिक्र कैसे किया?
बिहार चुनाव में राजद के खिलाफ जद-यू का ‘भय बनाम भरोसा’ पोस्टर
उन्होंने कहा कि इसमें सबसे मजेदार बात तो यह है कि तेजप्रताप ने भी अपने चुनावी हलफनामे में खाता नंबर-74, प्लॉट नंबर-955 का जिक्र किया लेकिन तेजस्वी की तरह इन्होंने भी दूसरी जमीन जिसका भी खाता नंबर-74, प्लॉट नंबर-891 रकबा-6 कट्ठा है इसको छुपा लिया। तेजप्रताप और तरुण यादव के नाबालिग रहते बिना गार्जियन के रजिस्ट्री करवाई गई दोनों जमीन में से एक का जिक्र तो तेजप्रताप और तेजस्वी यादव अपने चुनावी हलफनामे में करते हैं और दूसरी को छुपा लेते हैं, क्यों आखिर?
भारत संग सीमा विवाद पर बोले PM ओली, बातचीत के जरिये अपनी जमीन वापस हासिल करेगा नेपाल
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बताएँ कि चुनाव आयोग से संपत्ति छुपाने का गुनाह इन्होंने साजिशन जानबूझकर किया था या फिर इनके माता पिता ने इस संपत्ति की जानकारी इन्हें नहीं होने दी। अगर इनके माता पिता ने इस संपत्ति को इन दोनों भाइयों से छुपाया है तो उद्देश्य साफ है कि उनकी मंशा इस जमीन को तरुण कुमार यादव को ही देने की रही होगी जो कि गुमनाम तरुण कुमार यादव के वजूद की पुष्टि करता है।
