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बिहार प्रदेश कांग्रेस में ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग होने की मांग तेज

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बिहार प्रदेश कांग्रेस में ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग होने की मांग तेज

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस के भीतर ‘इंडिया’ गठबंधन से बाहर आने की मांग जोर पकड़ने लगी है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि कांग्रेस यदि अपने दम पर चुनाव लड़े तो उसका संगठन और जनाधार दोनों मजबूत होंगे तथा राहुल गांधी के नेतृत्व को अधिक सार्थक समर्थन मिलेगा। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा ने कहा कि पार्टी को अब ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग हो जाना चाहिए। उन्होंने कहार, “इंडिया गठबंधन से बाहर रहकर संघर्ष करने पर ही कांग्रेस बिहार और देश में फिर मजबूत होगी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा और वोटर अधिकार यात्रा से उनकी छवि में सकारात्मक बदलाव आया है। आम लोगों में उनके प्रति विश्वास और स्वीकार्यता बढ़ी है।” सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को सदाकत आश्रम में चुनावी परिणामों की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में भी महागठबंधन से अलग होने की आवाजें उठीं थीं। कांग्रेस महिला विभाग की पूर्व अध्यक्ष सरवत जहां फ़ातिमा ने कहा कि यदि पार्टी अकेले चुनाव लड़ती तो परिणाम बेहतर हो सकते थे। फ़ातिमा ने टिकट वितरण में महिलाओं को “अपर्याप्त प्रतिनिधित्व” का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल के इस आरोप को खारिज किया कि कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन की वजह से ‘इंडिया’ गठबंधन की हार हुई। उन्होंने कहा, “चुनाव में ‘दोस्ताना लड़ाई’ जैसी कोई चीज नहीं होती। लड़ाई तो लड़ाई होती है। गठबंधन और लठबंधन साथ-साथ नहीं चल सकते।” पटना जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष शशि रंजन ने भी हार के लिए राजद को जिम्मेदार बताते हुए कहा, “तेजस्वी यादव गठबंधन की हार के लिए जिम्मेदार हैं।” बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन के भीतर 11 सीट पर ‘दोस्ताना लड़ाई’ हुई थी, जिसमें कई स्थानों पर कांग्रेस और राजद एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में थे। कुछ सीट पर कांग्रेस के सामने महागठबंधन के अन्य घटक दलों के उम्मीदवार खड़े थे। औरंगाबाद जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष महेंद्र यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव की “मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में अतिशय उत्सुकता” ने भी गठबंधन को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने दावा किया कि राजग ने ‘जंगल राज’ की छवि को प्रभावी ढंग से उछाला, जिसका सीधा असर कांग्रेस के वोट पर पड़ा। उन्होंने गठबंधन सहयोगियों के बीच तालमेल की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि “एक साजिश के तहत” बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम को कुटुंबा सीट से हराया गया। कांग्रेस के पूर्व विधायक अमरनाथ तिवारी ने भी पार्टी को बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की सलाह दी है। उन्होंने हाल में राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा कि कांग्रेस को ‘इंडिया’ गठबंधन से बाहर निकलकर अपना संगठन मजबूत करना चाहिए।

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